1. उज्जैन जिले में सोयाबीन आधारित फसल पद्धति प्रमुखता से अपनायी जाती है। 2. उपयुक्त फसल पद्धति कुसुम को निम्नलिखित चार फसल पद्धतियों में बोया जाता है। 3. बारानी खेती में सोयाबीन-कुसुम फसल पद्धति अधिक लाभकारी पाई गई है। 4. साथ-साथ अंतरवर्तीय फसल पद्धति में कीटों और रोगों का प्रकोप नियंत्रित रहता है। 5. फसल पद्धति तिल की एकल फसल उपज आय मिश्रित / अन्त: फसल से अधिक होती है।6. इसे बनाये रखने के लिये फसल पद्धति परिवर्तन और उद्यानिकी क्षेत्र में ध्यान दिया जा रहा है। 7. अन्तर्वर्तीय फसल पद्धति में कुसुम की 2 कतारों के बाद दूसरी फसल की 6 कतारें बोयी जाती है। 8. कार्यक्रम में चयनित राज्यों में चावल पर आधारित फसल पद्धति में सुधार करने का लक्ष्य रखा गया है। 9. अंतरवर्तीय फसल अंतरवर्तीय फसल पद्धति से मुख्य फसल को पूर्ण पैदावार एवं अंतरवर्तीय फसल से अतिरिक्त पैदावार प्राप्त होगी। 10. बहुफसलीय खेती की जगह चावल, गेहूं और सोयाबीन जैसी नगदी और एक फसल पद्धति को अपनाया जिससे खेतासन्तुलन बिगड़ा।